नई दिल्ली । मुंबई बीएमसी चुनावों में महाविकास आघाड़ी की एकता टूटने के बाद सत्तारूढ़ महायुति के घटक दलों की यूनिटी बिखर सकती है। बीजेपी मुंबई में नवाब मलिक को एनसीपी का चेहरा बनाए जाने से खफा है। इसके कारण अभी तक सीट शेयरिंग में बीजेपी और शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के बीच सीटों की चर्चा सामने आई है। नवाब मलिक को लेकर महायुति में आए तनाव के बीच एनसीपी ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है। एनसीसी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे का कहना है कि पार्टी के अंदर चुनाव प्रभारी के तौर पर किसे नियुक्त किया जाना चाहिए यह तय करना पूरी तरह से एनसीपीका अधिकार है। पार्टी ने नवाब मलिक को प्रभारी बनाया है।
अपने फैसले NCP ही लेगी तटकरे
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी NCP के अजीत पवार गुट ने अपने महायुति सहयोगी BJP के कड़े विरोध के बावजूद पूर्व मंत्री नवाब मलिक को पार्टी का मुंबई चुनाव प्रभारी नियुक्त करने पर अपना रुख कायम रखा है। NCP के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने यह साफ कर दिया कि पार्टी के अंदरूनी नियुक्तियों से जुड़े फैसले पूरी तरह से एनसीपी ही लेगी। शुरू से ही बीजेपी मलिक की नियुक्ति का विरोध कर रही है यह आरोप लगाते हुए कि वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़ी संपत्ति की खरीद से जुड़े हैं। बीजेपी नेताओं ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर मलिक को चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी दी जाती है तो वे मुंबई में NCP के साथ गठबंधन करने में सहज नहीं होंगे।
तटकरे-शेलार की चल रही है बातचीत
तटकरे ने कहा कि मलिक पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें मुंबई में चुनाव रणनीतियां बनाने में मदद करने के लिए एक खास संगठनात्मक काम सौंपा गया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि वह व्यक्तिगत रूप से गठबंधन के संबंध में पूर्व मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार से बात कर रहे हैं और मलिक इन बातचीत में शामिल नहीं हैं। तटकरे ने कहा कि संगठन के अंदर चुनाव प्रभारी के तौर पर किसे नियुक्त किया जाना चाहिए। 2017 के बीएमसी चुनावों में एकीकृत एनसीसी को 09 सीटों पर जीत मिली थी। मनसे को 7 और एआईएमआईएम को दो सीटें हासिल हुई थीं। बीजेपी 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थीं। एकीकृत शिवसेना को 82 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली थीं।
दो दिन में साफ होगी तस्वीर
तटकरे का कहना है कि मुंबई को छोड़कर बाकी नगर पालिकाओं में गठबंधन पर अगले दो दिनों के भीतर स्पष्टता आने की उम्मीद है। नवाब मलिक के अलावा बीजेपी और एनसीपी के बीच पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगमों को लेकर भी पेच फंसा है। यहां बीजेपी के विपक्ष में एनसीपी है। अजित पवार की पार्टी NCP शरद पवार के साथ संभावित गठबंधन की अटकलों पर पर काम कर रही है। वरिष्ठ नेता अंकुश काकडे ने दावा किया कि दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक के बाद दोनों गुट पुणे में संयुक्त रूप से चुनाव लड़ने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं। यह बातचीत अभी भी जारी है। पुणे-पिंपरी चिंचवड़ से ज्यादा बड़ा मुद्दा नवाब मलिक है। विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने नवाब मलिक से दूरी बनाए रखी थी। मलिक अबु आजमी के साथ मानखुर्द-शिवाजी नगर सीट से हार गए थे। बीजेपी ने अजित पवार के महायुति में होने के बाद भी मलिक का समर्थन नहीं किया था। इस सीट पर शिंदे ने अपना कैंडिडेट भी खड़ा रखा था।
