नई दिल्ली । यमन (Yemen) की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) का केस सुलझने की बजाय उलझता ही चला जा रहा है। यमन के एक नागरिक तलाल अब्दो महदी (Talal Abdo Mahdi) की हत्या के लिए दोषी ठहराई जाने के बाद निमिषा की सजा-ए-मौत की तारीख मुकर्रर कर दी गई थी। हालांकि कांथापुरम एपी अबूबकर मुस्लियार की मध्यस्थता के बाद यमन की अदालत ने फांसी की तारीख टाल दी। वहीं निमिषा प्रिया के लिए कथित मसीहा बने सैमुअल जेरोम पर तलाल के परिवार ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। तलाल अब्दो महदी के भाई अब्दुल फतह ने कहा है कि सैमुअल जेरोम ने उनके परिवार से कभी मुलाकात ही नहीं की। उन्होंने कहा कि जेरोम निमिषा प्रिया के नाम पर अवैध रूप से फंड इकट्ठा कर रहे हैं। उन्होंने जेरोम पर 40 हजार डॉलर के गबन का आरोप लगाया है।
यमन के ही एक मीडिया एक्टिविस्ट सैमुएल जेरोम ने निमिषा प्रिया से संबंधित जानकारी दी थी। जेरोम का कहना था कि वह निमिषा को बचाने के लिए कई साल से प्रयास कर रहे हैं। वहीं अब तलाल अब्दो के भाई ने जेरोम पर गुस्सा जाहिर करत हुए उन्हें फर्जी बताया है। मृतक तलाल के भाई अब्दुल फतह महदी ने कहा कि जेरोम खुद को वकील बताता है जो कि सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जेरोम ने निमिषा प्रिया के नाम पर क्राउड फंडिंग के जरिए 40 हजार डॉलर इकट्ठे कर लिए। इसकी जानकारी पीड़ित के परिवार को भी नहीं थी।
महदी ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि यमन के राष्ट्रपति ने जब निमिषा प्रिया की फांसी को मंजूरी दी तो उनकी मुलाकात जेरोम से हुई थी। जेरोम मुस्करा रहे थे और उन्होंने कानूनी जीत के लिए फतह को बधाई भी दी थी। महदी ने कहा कि बिचौलिए का काम करते हुए जेरोम हमारे लहू का सौदा कर रहे हैं। अगर उन्होने यह सब नहीं बंद किया तो सच सबके सामने आ जाएगा।
निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल ने भी जेरोम से बनाई दूरी
निमिषा प्रिया को बचाने के लिए बनी इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल ने भी जेरोम से दूरी बना ली है। काउंसिल के कानूनी सलाहकार सुभाष चंद्रन केआर ने कहा कि जेरोम ने 28 दिसंबर 2024 को ही ग्रुप छोड़ दिया था। इससे पहले 27 दिसंबर को ही दूतावास के माध्यम से उन्हें 20 हजार डॉलर दिए गए थे। काउंसिल ने जब उनकी कार्यशैली के बारे में जानने की कोशिश की तो उन्होंने दूरी बना ली।
उन्होंने कहा कि निमिषा प्रिया के मामले में बातचीत कर रहे सुन्नी लीडर कांतापुरम एपी अबूबकर मुसलियार और यमन के सूफी स्कॉलर्स का अपमान करने के बाद जेरमो से काउंसिल ने दूरी बना ली। जेरोम और इतने सारे लोगों के इस मामले में शामिल होने की वजह से महदी परिवार भी भड़क गया था। ऐसे में काउंसिल ने उन्हें किसी तरह मनाने की कोशिश की और माफी मांगी। चंद्रन ने कहा कि निमिषा प्रिया और तलाल, दोनों का ही परिवार इसका भुक्तभोगी है। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक्शन काउंसिल निमिषा प्रिया की रिहाई पर बातचीत करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल को केंद्र सरकार से अनुमति लेकर यमन भेज सकता है।